Tuesday, August 8, 2023

निब्बाना - ६ "मूलभुत कारणों" का उन्मुलन

 Four Steps to Solving a Problem

समस्या के निवारण के चार चरण 


1. When solving any problem, there are four steps:

किसी भी  समस्या को हल करने के  चार कदम:

Those were the same steps that our Bodhisatta used to attain Buddhahood.

यही चार कदमो का उपयोग करके बोद्धिसत्व ने अपने आप को बुद्ध में रूपांतरित किया। 


Figuring Out the Causes

कारणों की खोज


2. Let us discuss an example. If a car would not start, the cause may not be clear to someone who does not have a technical background in automobiles, but a qualified technician will be able to find the cause quickly.

चलिए एक उदाहरण लेके इस बात को समझते है। मान लीजिये की आपकी गाड़ी किसी समस्या के कारण चालू नहीं हो रही हैं। अब इस घटना का कारण कोई ऐसा मैकेनिक ही खोज सकता है, जिसे गाड़ी का तकनीकी ज्ञान हो। यह मैकेनिक गाड़ी चालू ना होने का कारण काफी जल्दी और शायद काफी आसानी से ही ढूंढ लेगा। 

Root Causes and Secondary Causes

मूलभूत कारण और गौण कारण


3. Sometimes, there can be a temporary or a permanent solution.

कहीं बार किसी भी संकीर्ण समस्या के दो प्रकार के हल होते है। अस्थायी उपाय और स्थायी उपाय। 

4. There is an important difference between superficial causes and root causes. Superficial causes do not lead to serious problems. For example, if too many drinks taken by a person not used to alcohol causes a headache, which can be ‘fixed” by taking an aspirin. But some problems have root causes hard to see, like the one in #3 above.

सतही कारण और मुलभुत कारणों में भेद है।सतही कारण से गंभीर समस्या नही होती। कई बार किसी व्यक्तिकी अधीक मद्यपान के कारण उसे सरदर्द हो सकता है। इस प्रकार का सरदर्द एस्पिरिन जैसी दवाएं लेने से काफी आसानी से ठीक किया जा सकता है। क्युकी उसका और कोई मुलभुत कारण नहीं है। लेकिन ये जरूरी नहीं है। कहीं बार हमें होने वाली समस्या का कोई और गहरा कारण हो सकता है। जेसेकी क्रमांक #३। ऐसे गहरे कारण को खोज निकालना आसान काम नहीं होता। जैसे के कभी अगर हमारी मोटर कार चालू ना हो तो हम सीधे यह निष्कर्ष पे नहीं आते की यह इंजन की समस्या ही है। पर वह संभव जरूर है। 

Not Prudent to Apply Temporary Solutions

अस्थायी उपाय आजमाना व्यावहारिक नहीं है। 


5. Most times, when a problem arises, we tend to do the most expedient thing to get it out of the way and move on. If the headache goes away until one gets through the day, one may decide just to take an aspirin and handle it daily like that.

अधिकांश समय हम जब भी किसी समस्या का सामना करे तब हम सबसे सरल या सामान्य उपाय आजमा के उस समस्या का हल करने का प्रयत्न करते है। जैसे की अगर हमें सरदर्द एस्पिरिन दवाई लेने से ठीक हो जाएं तो शायद हम रोज ही एस्पिरिन दवाई लेने लग जाएं। 

Suffering Associated with Existence

अस्तित्व के साथ जुड़ा हुआ दुःख। 


6. The Four Noble Truths handle the most critical problem of all: the suffering associated with existence.

चार आर्य सत्य जीवन की सबसे गंभीर समस्या से ताल्लुक़ रखते है। जो है अस्तित्व के साथ जुडी दुःख की समस्या। 

7. In complex situations, the root causes of a given problem will not be obvious if one does not have a sufficiently broad view of the situation. That means the ideal solution may not be obvious.

कहीं परिस्थितिओ में, संकीर्ण समस्या का मुलभुत कारण ढूँढना आसान नहीं होता। समस्या का हल हम उस संकीर्ण समस्या को कितने अच्छे से समझते है उस पर भी आधार रखता है। जिसका अर्थ है की कहीं बार जटिल समस्या का आदर्श उपाय हमें सीधे तरीके से सपष्ट ना भी मिले। 

The Solution to the Existence of Suffering Requires a Wider Worldview

अस्तित्व के साथ सम्बंधित दुःख की समस्या को हल करने के लिए हमें विस्तृत दृष्टिकोण चाहिए। 


8. That larger problem of existence can be “seen” only by the highly-purified mind of a Buddha. During the night of Enlightenment, the Buddha achieved three types of higher knowledge:

अस्तित्व के साथ जुड़ी मूलभूत समस्या को सिर्फ तथागत बुद्ध का पूरी तरह से शुद्ध मन ही समझ सकता है। बुद्ध ने अपनी प्रबोधन की रात को तीन प्रकार के उच्चतर ज्ञान भी प्राप्त किए।


Focusing on This Life Yield Only Temporary Solutions


अगर हम सिर्फ इस जीवन के बारे में ही सोचेंगे तो हमारे जीवन की समस्याओं के उपाय भी अस्थाई ही होंगे।


9. Of course, one can find temporary solutions by just fixing the superficial causes. Just like fixing a headache by taking an aspirin, one could find temporary happiness in this life by “trouble-shooting” each problem as it arises. That is the “rat race” most of us are engaged in.

सीधी सी बात हैं की हम सतही कारणों को ढूंढ कर किसी भी समस्या का अस्थाई रूप से इलाज कर सकते है । जैसे हमने पहले देखा की कैसे एस्पिरिन जैसी दवाईयां लेके हम सिरदर्द का निदान कर सकते है । जैसे जैसे जीवन की अलग अलग कभी ना रुकने वाली समस्याएं आती जाएं हम उसे एक एक करके अस्थाई रूप से ठीक कर सकते है । और यहीं एस।"चूहों की दौड़" में तो हम सब कबसे भाग रहे है । 

Only One Permanent Solution


एक मात्र स्थाई उपाय ।


10. Tackling superficial causes that we can readily see or discern is what we have been doing since the beginning-less time. Life after life, we just strive to “maintain things to our satisfaction,” and at EACH time, we fail.

इस संसार में अनादि काल से हम अलग अलग समस्याओं को सतही कारण ढूंढ के ही तो हल कर रहे है ।  जन्म प्रतीजन्म अलग अलग चीजों को हम जैसे चाहे वैसे रखने का प्रयत्न ही तो कर रहे हैं, लेकिन हम इस लक्ष्य में कभी सफल नहीं हुए ।

Root Causes of Saṁsāric Suffering


सांसारिक दुःख के "मूलभुत कारण"।


11. If we understand where this never-ending process gets the required fuel from (i.e., the root cause for rebirths), then by ELIMINATING those causes, we can permanently solve the problem of perpetual suffering in the rebirth process.

अगर हम ये समझ पाएं की यह कभी ना खत्म होने वाली समस्या कोनसे कारणों से  पनपती है तो इन कारणों को निकालने से हम इन समस्या को उदभव होने से पहले ही रोक सकते है। इस तरीके से हम संसार के कभी ना रुकने वाले जीवन मृत्यु के चक्र को रोक कर के कभी ना रुकने वाली संसार के दुःख की समस्या को हल कर सकते है।

Removal of the Root Causes


मूलभुत कारणों को निकालना


12. The third step is to see that the successful solution to this problem is the attainment of Nibbāna or stopping the rebirth process. This is probably the hardest step to latch on to because it requires eliminating the root of cravings (attachments.)

संसार के दुःख की समस्या को स्थायी रूप से रोकने का एक मात्र तरीका है की निर्वाण को पाना,जो सिर्फ पुनर्जन्म की प्रक्रिया को रोक ने के बाद ही संभव है। यह सबसे कठिन चरण है। क्योंकि यह करने के लिए हमें संसार से जुड़े लोभ, द्वेष, मोह को निकालना होगा।

Following the Path to Remove Future Suffering


मार्ग का अनुसरण करके भविष्यके दुःख को निकालना।


13. The Buddha said that when one sees one Noble Truth, one sees all four. Thus at the attainment of the Sotāpanna stage, the way to Nibbāna also becomes clear.

तथागत बुद्ध ने कहा है की जब हम एक आर्य सत्य को समझे, हम बाकी तीनों आर्य सत्य को अपने आप ही समझ लेंगे। इसी लिए जब हम सोत्तापन्ना मार्ग फल प्राप्त करे, तब हमें  निर्वाण प्राप्त करने का रास्ता भी साफ दिखने लग जाता है।


The Four-Step Process Is Universal


ये समस्यके हल को ढूंढने की चार चरण प्रक्रिया सार्वत्रिक है।


14. Therefore, the four-step process stated in #1 above is a basic principle that can be used to solve any problem. That means solving a mundane problem temporarily and providing a permanent solution to the ultimate problem of existence. That approach is based on the principle of cause and effect, the same one that Nature is based on.

जैसे की हमने मुद्दा #१ में देखा, इस ४ चरण वाली पद्धति से हम भिन्न भिन्न प्रकार की समस्यों का हल निकाल सकते है । यह समस्या काफी सामान्य भी हो सकती है या फिर यह समस्या संसार की सबसे महत्व की समस्या भी हो सकती है। यानी की कभी ना खत्म होने वाले दुःख किस समस्या। यह ४ चरण पद्धति कारण और प्रभाव के सिद्धांत ऊपर आधारित है। प्रकृति भी कारण और प्रभाव के सिद्धांत पर ही कार्य करती है।

First Step – Understanding the Existence of the Problem


प्रथम कदम = समस्या के अस्तित्व के बारे में जानना


15. The key point that the Buddha was trying to make was that we do not realize that there is a “problem of existence.” The first step in the four-step process is to realize the validity of the rebirth process. Since we cannot readily see the rebirth process, most of us focus on just this life.

मुख्य बिंदु जो बुद्ध समजाने की कोशिश कर रहे हे कि हमें यह एहसास नहीं है कि "अस्तित्व ही समस्या" है। अस्तित्व की समस्या को समझने के लिए पुनर्जन्म के सत्यता को समझना जरूरी है। क्युकी हम पुनर्जन्म की प्रक्रिया को सीधे ही नही देख सकते, इसी लिए हम अपने वर्तमान जीवन पर ही अपना ज्यादातर ध्यान देते हैं।

Nibbāna – Elimination of All Six Root Causes


निब्बाना - ६ "मूलभुत कारणों" का उन्मुलन 


16.  Nibbāna does not have a cause. Eliminating all six root causes in #11 leads to Nibbāna. All these are removed via paññā or wisdom. It is important to realize that wisdom means understanding the Four Noble Truths/Paṭicca Samuppāda/Tilakkhana.

निब्बाना को प्राप्त करने के लिए किसी कारण की जरूरत नहीं है। बल्कि, निब्बाना को ६ मूलभुत कारणों को निकालके प्राप्त किया जा सकता है। इन ६ कारणों को हम ज्ञान प्राप्त करके ही निकाल सकते है। यहां ज्ञान मतलब के, 4 आर्य सत्य, प्रकृति के तीन लक्षण और पटीच्छा समुप्पदा को समझना।


निब्बाना - ६ "मूलभुत कारणों" का उन्मुलन

  Four Steps to Solving a Problem समस्या के निवारण के चार चरण  1. When solving any problem, there are four steps: किसी भी  समस्या को हल करने...